बता दें कि हुबली-धारवाड़ नगर निगम (एचडीएमसी) ने यहां ईदगाह मैदान में तीन दिनों के लिए गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति देने का फैसला किया था।
बता दें कि हुबली-धारवाड़ नगर निगम (एचडीएमसी) ने यहां ईदगाह मैदान में तीन दिनों के लिए गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति देने का फैसला किया था। हुबली-धारवाड़ के महापौर इरेश अचंतगेरी ने निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ चली लंबी बैठक के बाद सोमवार देर रात इस फैसले की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि यह फैसला नगर निकाय द्वारा इस मुद्दे पर गठित सदन की समिति की अनुशंसा पर लिया गया।
नगर निगम ने कहा कि मामले पर फैसला करने के लिए गठित एक हाउस पैनल द्वारा प्राप्त 39 अभ्यावेदनों में से 28 मैदान में गणेश पंडाल की अनुमति देने के पक्ष में थे, जबकि शेष इसके खिलाफ थे। महापौर ने कहा, ‘‘सदन की समिति ने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद गणेश उत्सव की अनुमति देने की अनुशंसा की थी। इसे उत्सव को अनुमति देने के पक्ष में 28 और विरोध में 11 ज्ञापन मिले थे।’’
गौरतलब है कि नगर निगम ने यह फैसला कांग्रेस पार्षदों के विरोध के बावजूद लिया है। अधिकाारियों ने बताया कि एक विवाद के बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार मुस्लिम समुदाय को इस मैदान में साल में केवल दो बार नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाती है और नगर निगम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर वहां राष्ट्र ध्वज फहराता है।
बेंगलुरु में ईदगाह मैदान पर गणेश चतुर्थी आयोजन की अनुमति नहीं दी
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट आज बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में प्रस्तावित गणेश चतुर्थी समारोह के खिलाफ कर्नाटक वक्फ बोर्ड की याचिका पर सुनवाई करते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। उच्चतम न्यायालय ने बेंगलुरु के ईदगाह मैदान पर गणेश चतुर्थी के समारोह को आयोजित करने की अनुमति देने से मंगलवार को इनकार कर दिया और उस जगह पर दोनों पक्षों को यथास्थिति बनाकर रखने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामले के पक्षों को विवाद निवारण के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय में जाने को कहा था।
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